
दबंगों ने किया घर से बेघर , अपर पुलिस अधीक्षक के आदेश की नही हुई सुनवाई।
मीनाक्षी मिश्रा/विधान केसरी
जनपद अमेठी । एक ओर अमेठी कप्तान जीरो टॉलरेंस की नीति का अनुपालन कराने के लिए लगातार तबादले कर रहे हैं। बीते दिनों 51 सिपाहियों को लाइन हाजिर कर पुलिस कप्तान ने पारदर्शिता का प्रमाण दिया। किंतु थाने में आलाधिकारी निष्पक्षता के नाम पर छलावा करते नजर आते हैं।पीड़ित न्याय के लिए दर बदर की ठोकरें खाता है जबकि बदले में मिलता है कोरा आश्वासन। जबकि घटना क्रम के घटित होने पर प्रथम दृष्टया एफआईआर लिखा जाता है किंतु वर्तमान समय में भ्रष्टाचार की पौ बारह है और पीड़ित को थाने से कोरा आश्वासन देकर वापस कर दिया जाता है। आला अधिकारियों की भी कोई सुनवाई नही होती।
दरअसल हम बात कर रहे हैं पिछड़े तबके से आने वाले पीड़ित मुरली हेला पुत्र रामसुमेर की जोकि ग्राम महमदपुर का निवासी है। पीड़ित के अनुसार प्रार्थी के पिता चार भाई थे सभी मृतक हो गए हैं । प्रार्थी अपने पिता के 1/4 हिस्सा मकान पर काबिज दाखिल था परंतु सरहंगई के दम पर प्रार्थी के मकान पर शराब और असलहे के बल पर गोबिंदा पुत्र संतलाल वा उसके परिजन कब्जा कर रहे हैं । और प्रार्थी को घर से बेघर करने पर आमादा हैं। प्रार्थी ने जिसके बाबत थाना समाधान दिवस में 6 जुलाई 2024 को प्रार्थना पत्र दिया था लेकिन कोई सुनवाई नही हुई। इसके पश्चात पीड़ित द्वारा अपर पुलिस अधीक्षक को 25 जुलाई 2024 को प्रार्थना पत्र दिया किंतु थाने दार साहब ने मुकदमा लिखने कोई कार्यवाही करने के बजाय कोरा आश्वासन देकर बिदा कर दिया। क्षेत्राधिकारी अमेठी को 28 जुलाई 2024 को प्रार्थना पत्र दिया गया जिनके द्वारा टीम घटित कर थानाध्यक्ष को अग्रिम कार्यवाही का आदेश दिया गया लेकिन मौके पर कोई भी नही गया न ही कोई कार्यवाही हुई।
प्रार्थी के घर उसकी पत्नी के नाम 1 अगस्त 2024 को बिजली के बिल का कनेक्शन लगाने के लिए विद्युत कर्मी आए तो विपक्षी द्वारा मीटर नही लगाने दिया गया वा गाली गलौज करते हुए चले गए। पीड़ित एक गरीब मजदूर व्यक्ति है जबकि पीड़ित के अनुसार विपक्षी आपराधिक पृष्ठभूमि का है जिससे पीड़ित के जानमाल को खतरा बना हुआ है। किंतु अभी तक थाने मे जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा आलाधिकारियों के आदेश के बावजूद कोई कार्यवाही नही की गई। ना ही विपक्षी के विरुद्ध घटना कारित करने के बावजूद मुकदमा दर्ज हुआ।