
शैलेन्द्र प्रताप सिंह
Uptoday न्यूज
सरकारी अस्पताल में एफआरयू यानी फर्स्ट रेफरल यूनिट संचालित है। यहां हर महीने करीब 40 से 50 आपरेशन होते हैं। लेकिन मरीजों को यदि ब्लड की जरूरत हो तो उन्हें करीब 16 किलो मीटर की दूरी पर जिला अस्पताल में ब्लड डोनेट के बाद ही खून मिल पाएगा।
यहां करीब आठ साल पूर्व ब्लड स्टोरेज बनाया गया था। सारे उपकरण, संसाधन और स्टाफ भी तैनात है, लेकिन लाइसेंस नहीं मिलने से इसका संचालन नहीं हो पा रहा है। हर रोज प्रसूताओं सहित अन्य मरीजों की जान पर खतरा बना रहता है।
पूर्व सांसद व केंद्रीय मंत्री स्मृति जूबिन ईरानी ने इस सीएचसी को गोद लिया था। गोद लेने के बाद सांसद के प्रयास से सीएचसी पर काफी संसाधन व मशीनें पहुंची थीं। लोगों में उम्मीद जगी थी कि ब्लड स्टोरेज यूनिट का संचालन शुरू हो जाएगा। यहां भर्ती प्रसूताओं एवं मरीजों को ब्लड के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। लेकिन उन उम्मीदों पर पानी फिर गया। आज भी ब्लड स्टोरेज यूनिट का लाइसेंस नहीं मिल पाया। इससे लोगों में मायूसी है। अमेठी क्षेत्र की करीब एक लाख की आबादी के लिए यहां सीएचसी है। जिसमें एफआरयू यानी फर्स्ट रेफरल यूनिट संचालित है।
प्रति माह यहां करीब 40 से 50 आपरेशन होते हैं। ऐसे में यदि किसी मरीज को ब्लड की जरूर पड़ जाए तो उन्हें दिक्कत झेलनी पड़ती है। यहां ब्लड स्टोरेज के लिए बकायदा संसाधन, उपकरण व स्टाफ मौजूद है। करीब आठ साल पूर्व ये सारी व्यवस्थाएं की गई थी, लेकिन ब्लड स्टोरेज के लिए अभी तक लाइसेंस जारी नहीं हुआ। लाइसेंज नहीं मिलने से आठ साल से ब्लड स्टोरेज की प्रक्रिया भी ठंडे बस्ते में पड़ी है।
सीएमओ डॉ. अंशुमान सिंह ने बताया कि अमेठी में ब्लड स्टोरेज यूनिट के लिए आया डीप फ्रीजर गौरीगंज में आ गया था। उसे गौरीगंज में इस्तेमाल कर लिया गया है। फ्रीजर नहीं होने से लाइसेंस का आवेदन नहीं हो पा रहा है। जब तक ब्लड स्टोरेज यूनिट के संसाधन नहीं होंगे, तब तक लाइसेंस नहीं लिया जा सकता।
शुरू होना चाहिए ब्लड स्टोरेज यूनिट का संचालन
समाजसेवी घनश्याम शर्मा ने कहा कि ब्लड स्टोरेज यूनिट का संचालन नहीं हो पाना चिंता का विषय है। विभाग की ओर से प्रयास कर इसका संचालन कराया जाना चाहिए। हरीश सिंह चुन्नू ने कहा कि जिले की सबसे व्यस्ततम सीएचसी में मरीजों के ऑपरेशन की व्यवस्था है। ऐसे में ब्लड स्टोरेज यूनिट संचालित होने के बाद मरीजों को राहत मिलेगी।
अधिवक्ता जगदंबा प्रसाद शुक्ल ने कहा कि कई वर्षों से ब्लड स्टोरेज संचालित होने की कवायद हो रही है। विभागीय अधिकारियों को इस पर विशेष ध्यान देकर संचालित कराया जाना चाहिए।