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सुलतानपुर। वरिष्ठ अधिवक्ता अखिलेश शुक्ला की निष्पक्ष वा कड़ी पैरवी के चलते लम्भुआ थाने के दरोगा कमलेश दूबे के खिलाफ कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए दंडात्मक कार्यवाही के लिए एसपी को आदेश दिया है। अदालत ने दरोगा के खिलाफ 10 दिन के भीतर कार्यवाही कर कोर्ट को अवगत कराने का भी एसपी को आदेश दिया है।
न्यायिक मजिस्ट्रेट सत्येंद्र कुमार मिश्र की अदालत द्वारा विवेचना में लापरवाही पर कड़ा रुख अपनाते हुए दरोगा के खिलाफ की कड़ी टिप्पणी करते हुए कार्यवाही का आदेश दिया है । जिससे दरोगा कमलेश दूबे की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। लम्भुआ थाने के तेरये गांव से जुड़े मारपीट के मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता अखिलेश शुक्ला द्वारा दी गई मॉनिटरिंग अर्जी पर बार-बार भ्रामक रिपोर्ट देने पर कोर्ट द्वारा सख्त रुख अख्तियार करते हुए कार्यवाही का आदेश दिया है।
कोर्ट के जरिए मांगी गई आख्या पर दरोगा कमलेश दूबे ने आरोपपत्र पर कभी कोतवाल का हस्ताक्षर न होने, तो कभी शीघ्र आरोपपत्र प्रेषित कर दिए जाने या कभी अन्य-अन्य तरीके के मिथ्या कथन कर कोर्ट को गुमराह करने का प्रयास किया गया। अदालत ने बार-बार कोर्ट को भ्रामक रिपोर्ट देने एवं कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल करने के लिए कहने के बावजूद भी ढाई माह तक कार्यवाही को लटकाए रखने पर कार्यवाही का आदेश दिया है।
क्या था मामला :
तेरये गांव निवासी वादी रामपलट प्रजापति ने गांव के ही रामबक्स प्रजापति, सुभाष व प्रवीण प्रजापति के खिलाफ स्थानीय थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप के मुताबिक बीते दो जनवरी को उनकी दीवार से सटकर आरोपियों ने मशीन से खुदाई का कार्य शुरू किया, जिसका विरोध करने पर उन्हें मारपीट कर चोट पहुंचाई गई। इस मामले में आरोपियो के अनुचित प्रभाव में दरोगा कमलेश दूबे की तफ्तीश निष्पक्ष न होने व उनके जरिये तफ्तीश में लापरवाही बरतने के चलते वादी ने अधिवक्ता वरिष्ठ फौजदारी अधिवक्ता अखिलेश शुक्ल के माध्यम से कोर्ट की शरण ली है। दरोगा के खिलाफ कोर्ट के एक्शन से महकमे में हड़कम्प मच गया है तथा पीड़ित को न्याय की उम्मीद जगी है।