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जनपद अमेठी। राजस्व विभाग में एक कहावत चरितार्थ है जिसकी लाठी उसकी भैंस , यदि पीड़ित घूस देने में अक्षम है तो बंटवारे के बावजूद भी उसकी जमीन पर विपक्षी ही काबिज रहेगा। भ्रष्टाचार घुन इस कदर हावी है कि सक्षम अधिकारियों को दिया गया प्रार्थना पत्र और उनके निर्देश अधीनस्थों के लिए कोई मायने नहीं रखते । और पीड़ित इस दफ्तर से उस दफ्तर चक्कर लगाता रह जाता है । ताजा वाकिया रीना यादव पत्नी अनिल कुमार का है जोकि ख़ौपुर बुजुर्ग थाना संग्रामपुर जनपद अमेठी की निवासिनी है। पीड़िता द्वारा कृष्णानंद बनाम मुरली प्रसाद के तहत धारा 116 उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता के तहत बंटवारे का उपजिलाधिकारी न्यायालय में दायर किया गया। जिसमें वाद संख्या T 20230471050284 में पारित आदेश 27 मई 2024 के बाबत गाटा संख्या 824/0.030 पर दखल दिहानी की कार्यवाही पूर्ण हुई ।किंतु पीड़िता के अनुसार कानून गो की विपक्षी से सांठ गांठ के चलते अब तक पीड़िता को अपनी जमीन पर कब्जा नहीं मिल पाया है । पीड़िता के अनुसार भ्रष्ट कानून गो द्वारा पीड़िता के बंटवारे से असंतुष्ट होने की झूठी रिपोर्ट लगा दी जाती है। जबकि पीड़िता ने या विपक्षी बंटवारे से असंतुष्ट होकर किसी अन्य सक्षम न्यायालय में बाद नहीं दायर किया है। कानून गो द्वारा उच्चाधिकारियों के आदेश बावजूद योगी सरकार के सुशासन के दावे की धज्जियां उड़ाते हुए मौके पर बंटवारे के अनुसार पीड़िता को कब्जा नहीं दिलाया जा रहा । पीड़िता अपनी जमीन पर काबिज होने जाती है तो विपक्षी द्वारा मार कर भगा दिया जाता है। वर्तमान प्रशासन में अपनी जमीन को अपना कहना दूभर है।