
मीनाक्षी मिश्रा
Uptoday न्यूज
अमेठी। पीठासीन अधिकारी श्री नीरज यादव के नेतृत्व में न्यायालय आम आदमी के द्वार पहुंच रहा है । पूर्व में आमजन को न्याय के लिए सुल्तानपुर तक की लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी । वहीं वर्तमान ग्राम न्यायाधिकारी के नेतृत्व में अमेठी में शुक्रवार को महमूदपुर पंचायत भवन में सचल न्यायालय का आयोजन किया गया। इस मौके पर न्यायिक मजिस्ट्रेट नीरज कुमार यादव की अदालत में कुल 19 मामलों की सुनवाई की गई और सभी 19 मामलों का मौके पर ही निस्तारण कर दिया गया। जिसमें राज्य बनाम राम अभिलाख आदि अंतर्गत धारा 323,504 मे जुर्म स्वीकार के आधार पर अधिवक्ता उमेश मिश्रा ने वादी की ओर से तथा प्रतिवादी की ओर से अधिवकता कमलाकांत ने पैरवी करते हुए निस्तारण कराया।
इसमें सबसे प्रमुख मामला “राज्य बनाम प्रहलाद” था, जो 1998 से लंबित था। यह मामला जंगल राम नगर का था, जिसमें आरोपी को दोषी पाते हुए अदालत ने ₹200 का जुर्माना लगाया। वहीं, 1999 के एक अन्य मामले “राज्य बनाम गायत्री प्रसाद” (महमूदपुर) में मारपीट के आरोप थे। दोनों पक्षों के बीच समझौता कराकर इस मामले को भी समाप्त कर दिया गया जिसकी जानकारी रीडर राजेश तिवारी ने दी । इस दौरान स्टेनो तरुण सिसोदिया , अलहमद शुभम श्रीवास्तव , अर्दली विनोद कुमार श्रीवास्तव मौजूद रहे।
अन्य 17 मामलों में भूमि विवाद, आपसी झगड़े और पारिवारिक विवाद शामिल थे, जिनका समाधान न्यायिक प्रक्रिया और आपसी सहमति से किया गया।
पीठासीन अधिकारी नीरज कुमार यादव ने कहा कि सचल न्यायालय का मुख्य उद्देश्य है कि न्याय लोगों को उनके द्वार पर तथा त्वरित न्याय मिले, जिसके तहत 1998 से लंबित वादों का भी निस्तारण किया गया है ।
जिससे लोगों के समय और संसाधनों की भी बचत हुई है। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि वे छोटे-मोटे विवादों को बातचीत और कानून के माध्यम से सुलझाएं ।