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मीनाक्षी मिश्रा
जनपद अमेठी । भाजपा राम के नाम का बिगुल बजाते हुए सत्ता में काबिज हुई और प्रदेश को भगवा रंग देने के प्रयास में राम मंदिर निर्माण के साथ ही कामयाब भी हुई जिससे आम जनमानस अपनी मूलभूत समस्याओं को भूलकर आस्था के नाम पर एक जुट होता नजर आया। किंतु भ्रष्टाचार का घुन और हुक्मरानों का मनमाना रवैया आमजन में असंतोष के बीज बोता रहा है। पीड़ित की सुनने वाला कोई नही है । आमजन के मुद्दे उठाने वाले पत्रकार वर्तमान शासन वा प्रशासन में स्वयं पीड़ा का दंश झेल रहे हैं । किंतु मनमाने रवैए को दर्शाते कानून के रखवाले कानून व्यवस्था के नाम पर जवाब देते हैं कि “पुलिस केवल आपके लिए ही थोड़ी है”।
दरअसल हम बात कर रहे हैं विधानसभा गौरीगंज के अंतर्गत आने वाले जामों थाना क्षेत्र की । जहां के निवासी अशोक कुमार पाण्डेय पुत्र माता प्रसाद पाण्डेय लंबे समय से पत्रकारिता के माध्यम से आमजन की समस्याओं को प्रमुखता देते हैं। वहीं उनके पिता की स्वयं की जमीन पर उनके अनुसार जबरन अवैध कब्जा का प्रयास प्रतिदिन किया जाता है जबकि कोतवाल साहब कहते हैं कि पुलिस केवल आपके लिए ही नही है।
मिली जानकारी के अनुसार माता प्रसाद पाण्डेय सुत स्वर्गीय रामदास पांडेय ग्राम पूरे जिया पांडे पोस्ट जा , थाना जामों , जनपद अमेठी के निवासी हैं। इन्होंने अपने भाई शिव महेश पांडेय के साथ दो बैनामा 1981 वा 1996 में लिया था। किंतु पीड़ित पत्रकार के अनुसार शिव महेश पांडेय ने जालसाजी से अजन्मे बच्चे के नाम ज्यादा हिस्सा लेने की नीयत से बैनामा लिखा लिया । जिस पर मुकदमा अपराध संख्या 592/16 के तहत दीवानी सत्र न्यायालय में विचाराधीन है। जबकि शिव महेश पांडेय जमानत पर है। विदित हो की प्रकरण पर उपजिलाधिकारी गौरीगंज के न्यायालय में बंटवारे का वाद कायम है । उप जिलाधिकारी न्यायालय से स्टे ऑर्डर भी प्रकरण पर जारी हुआ है इसके बावजूद भी विपक्षी शिव महेश पांडेय तथा उनके पुत्र राधा पति पांडेय द्वारा जबरन निर्माण कार्य किया जा रहा है। जिसके चलते पीड़ित पत्रकार का आरोप है की उनके पिता माता प्रसाद पाण्डेय के हिस्से पर कोर्ट के स्टे ऑर्डर के बावजूद विपक्षी जबरन कब्जा कर रहे हैं। जबकि माननीय न्यायालय का अंतिम निर्णय आना बाकी है।
वहीं पीड़ित पत्रकार के द्वारा न्याय के लिए पुलिस अधीक्षक वा जिलाधिकारी से गुहार लगाई गई है। किंतु पीड़ित के अनुसार विपक्षी द्वारा प्रतिदिन विवादित जमीन पर कब्जे का प्रयास किया जाता है। जब जमीन पर कब्जा कर निर्माण कर लेंगे तो क्या होगा एफआईआर का और क्या होगा बंटवारे के मुकदमे का और स्टे आर्डर का ?
जबकि कानून के रखवालों का कहना है की पुलिस केवल इसी कार्य के लिए थोड़ी है। अंधेर नगरी चौपट राजा की दशा का खामियाजा भाजपा किस कदर आगामी चुनाव में भुगतती है या धर्म के नाम पर वोट बैंक बढ़ता है ये तो आना वाला वक्त बताएगा ।