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अमेठी । राजस्व विभाग एक ऐसा विभाग है जहां आए दिन अपनी जमीन पर अवैध कब्जे की शिकायत लेकर पीड़ित दर बदर की ठोकरें खाता नजर आता है । बड़ा प्रश्न है कि यदि खतौनी किसी अन्य के नाम है और काबिज कोई और हो रहा है तो उस पर त्वरित कार्यवाही क्यों नहीं होती । उच्चाधिकारी आदेशित भी करते हैं तो लेखपाल वा राजस्व निरीक्षक के पास पहुंचने तक मामला गोलमोल हो जाता है। यहां प्रकरण वही नजर आता है जैसे जिसकी लाठी उसकी भैंस। जो धन खर्च करने में समर्थ है वह दूसरे की जमीन का मालिक बन जाता है। ऐसा ही मामला तहसील अमेठी का प्रकाश में आया है जहां पर पीड़ित द्वारा अपनी जमीन पर दूसरे दबंग व्यक्ति द्वारा जबरन अवैध कब्जे की शिकायत संपूर्ण समाधान दिवस वा उपजिलाधिकारी महोदय से अनेक बार की गई। किंतु उच्चाधिकारी के आदेश हलका लेखपाल वा कानून गो हवा में उड़ाकर प्रकरण दबा दे रहे हैं। पीड़ित की माने तो ओम प्रकाश शर्मा पुत्र वंशीधन शर्मा , ग्राम परतोष मानिक का स्थाई निवासी है। पीड़ित ने अपने खाते की जमीन गाटा संख्या 32 रकबा 0.630 मृतक राजेंद्र प्रसाद वर्मा को 1996 में बैनामा किया था। जिस पर राजेंद्र प्रसाद 6 कमरे बनाकर रह रहे थे। बीते 17 जनवरी 2025 को रात्रि में उनके पुत्रगणों रवींद्र वर्मा , राघवेंद्र वर्मा आदि ने प्रार्थी की जमीन पर बने कमरे के मध्य गलियारे पर चोरी से गेट लगा लिया । और प्रार्थी की जमीन पर अवैध कब्जा जबरन कर लिया। पीड़ित ने ऐसा करने से मना किया तो जान से मारने की धमकी देते हुए मार पीट पर उतारू हैं । पीड़ित ने आरोप लगाया है कि विपक्षी दबंग किस्म के व्यक्ति हैं जिनके द्वारा ग्राम सभा की जमीन गाटा संख्या 33 नवीन परति पर भी अवैध कब्जा किए हैं। किंतु पीड़ित के प्रार्थना पत्र पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।