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जनपद अमेठी। एक ओर शासन भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस के लिए प्रयासरत है वहीं बात करें तहसील अमेठी की तो यहां पर भ्रष्टाचार रुकने का नाम नहीं ले रहा है। एक ओर एस डी एम अमेठी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम चलाते हुए तहसील परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगवाए किंतु भ्रष्टाचार के घुन से लगातार झोली भरने वाले कर्मी सुधरने का नाम नहीं ले रहे। ताजा मामला तहसील परिसर में कार्यरत प्रमाणित खतौनी जारी करने वाले कर्मी का है। जिसके द्वारा प्रति खतौनी निर्धारित 15 रुपए शुल्क से कही ज्यादा रकम वसूली जाती है। ना दे पाने प्रमाणित खतौनी की प्रति देने में आनाकानी की जाती है। और तो और साहब ने परवाना जारी होने पर खतौनी नामांतरण का भी रेट फिक्स कर रखा है। न दे पाने पर साहब सक्षम अधिकारी के आदेश को भी धता बता देते हैं। ऐसे में भ्रष्टाचार पर सक्षम अधिकारी का प्रयास निरर्थक नजर आता है ।