
ग्राम प्रधान ने लगाई प्रशासन से गुहार , विकास कार्यों में पहुंचाई जा रही बाधा ।
मीनाक्षी मिश्रा
जनपद अमेठी । ग्राम प्रधान गांव की खुशहाली वा विकास के लिए पूर्णतः उत्तरदाई होता है। किंतु यदि ग्राम प्रधान को विकास कार्य करवाने से रोकने के लिए विभिन्न तरीके से प्रशासन का दुरुपयोग करते हुए फंसाने की धमकी दी जाए तो गांव का विकास पूर्णतः ठप हो जाना है । दरअसल हम बात कर रहे हैं एक ऐसे ग्राम प्रधान की जिनके द्वारा गंभीर आरोप लगाते हुए लगातार प्रशासन से सुरक्षा की मांग की जा रही है। उनका आरोप है कि उनके गांव के कुछ दबंग पूंजी पतियों द्वारा उनके विकास कार्यों को रोकने के लिए उन्हें जबरन प्रशासन के सहयोग से फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी दी जा रही है। पीड़ित ग्राम प्रधान धनंजय यादव पुत्र रामकल्प यादव ग्राम नरहर पुर थाना रामगंज जनपद अमेठी के निवासी तथा नरहर पुर के ही मौजूदा ग्राम प्रधान भी हैं। पीड़ित प्रधान का आरोप है कि उनके द्वारा गाटा संख्या 253 तथा 242 पर मनरेगा प्रस्ताव के तहत पार्क का निर्माण करवाया गया । जबकि इसी जमीन पर गांव के पूंजीपतियों शरद कुमार द्विवेदी सुत रमा कांत द्विवेदी तथा अरुण कुमार दुबे सुत राम सेवक , रमापति दुबे सुत रामरतन द्वारा ग्रामसभा की भूमि 14 गाटे लगभग 19 बीघा को अपनी पूर्वजों की वाद भूमि बताया जा रहा है। किंतु प्रार्थी द्वारा अनवरत विकास कार्य कराया जा रहा है। जिसकी वजह से विपक्षियों द्वारा प्रार्थी को आए दिन फर्जी मुकदमे में फंसाने का प्रयास किया जा रहा है। थाने पर पीड़ित प्रधान द्वारा सूचना दी जाती है तो उल्टा प्रधान का चालान 151 धारा में करने की धमकी दी जाती है । पीड़ित प्रधान का आरोप है कि विपक्षी शरद कुमार द्विवेदी के दो भाई एस एस पी लखनऊ वा एसडीएम सुल्तानपुर होने की वजह से पीड़ित प्रधान की तहसील प्रशासन द्वारा कोई सुनवाई नहीं की जाती है। पीड़ित प्रधान के अनुसार उनके द्वारा कराए गए विकास कार्यों को तोड़वाकर उल्टा प्रधान के खिलाफ ही जांच का प्रयास करते हैं । इसके साथ ही इनके द्वारा विकास कार्यों को रुकवा दिया जाता है । ग्राम प्रधान द्वारा आरोप लगाया गया है कि 421 , 422 जो कि तालाब की मरघट की भूमि है उस पर भी विपक्षियों द्वारा अतिक्रमण करते हुए स्कूल का रास्ता वा स्कूल की बाउंड्री का निर्माण कराया गया है। प्रधान द्वारा इसके खिलाफ आवाज उठाई जाती है तो उन्हें वा उनके परिवार को जान से मारने की धमकी दी जाती है। पीड़ित प्रधान ने प्रशासन सुरक्षा की मांग की है अन्यथा की स्थिति में इस्तीफे की पेशकश की है ।