
Uptoday न्यूज
मीनाक्षी मिश्रा
जनपद अमेठी । वर्तमान प्रशासन इस कदर सशक्त हो चला है , भ्रष्टाचार के चलते अफसरशाही इस कदर हावी है कि न्यायालय की अवमानना करने में जरा भी गुरेज नहीं करते हैं। अमेठी थानेदार जो कह दें वही कानून बन जाता है। आमजन की तो क्या मजाल न्यायालय की भी अनदेखी करने में गुरेज नहीं करते। मित्र पुलिस का ऐसा उदाहरण प्रस्तुत करते हैं कि महिला को अपमानित करने में जरा हिचक नहीं होती। दरअसल हम बात कर रहे हैं पीड़िता कलावती पत्नी स्वामीनाथ निवासिनी वार्ड नंबर 7 गौरीगंज रोड नगर पंचायत अमेठी की । जिसके द्वारा अपनी सहन की जमीन पर एक मुकदमा कलावती बनाम इस्लाम अली श्रीमान दीवानी दायर किया गया है। जिस पर माननीय न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश भी पारित किया गया है। इसके बावजूद विपक्षी द्वारा जबरन विवादित भूमि पर निर्माण कार्य किया जा रहा है। पीड़िता की पुत्री ज्योति की माने तो वह थाना अमेठी में इसके बाबत प्रार्थना पत्र दी थी किंतु थानेदार द्वारा उसकी नहीं सुनी गई।
आज समाधान दिवस पर जब वह समाधान दिवस प्रभारी को माननीय न्यायालय के आदेश के अनुपालन के लिए प्रार्थना पत्र दे रही थी तो कोतवाल विपक्षी की पैरवी करते हुए दलीलें देने लगे कि विपक्षी सही निर्माण कर रहा है। साथ ही ज्योति को धमकाने लगे कि उस दिन तुम चली ना जाती तो तुम्हे बताता। जिस पर कानून गो द्वारा जानकारी दी गई कि विपक्षी अपने बैनामे की जगह से बढ़कर निर्माण कर रहा है। बड़ा प्रश्न है कि यदि सक्षम न्यायालय के आदेश का भी महत्व थाने में नहीं है तो आमजन किसकी शरण में जाएगा ?