
Uptoday न्यूज
मीनाक्षी मिश्रा
जनपद अमेठी । ग्राम प्रधान ग्राम सभा के अंतर्गत आने वाली बहुमूल्य निधियों के रखवाले होते हैं। किंतु तब क्या कहा जाए यदि रक्षक ही लालचवश भक्षक बन जाए । आए दिन सरकारी संपत्ति के निर्माण वा अन्य कार्यों में गबन की खबरें सुनाई देती हैं। यदि ग्रामसभा के विकास कार्यों के लिए आमद वा व्यय का लेखा जोखा देखा जाए तो आमद व्यय में बदल जाती है किंतु ज्यादातर विकास कार्य कागजों में नजर आते हैं। ऐसा ही कुछ वाकिया भ्रष्टाचार से संलिप्त संग्रामपुर विकासखंड के अंतर्गत आने वाले तारापुर ग्राम सभा का देखने को मिला है। जहां पर आरोप है कि ग्रामप्रधान ने बिना अनुमति के ग्रामसभा के बेशकीमती पेड़ों का कटान कराकर बेच लिया है। मिली जानकारी के अनुसार ग्रामसभा तारापुर में अक्टूबर 2024 में खुली बैठक हुई । जिसमें ग्राम प्रधान प्रेम नाथ कनौजिया वा अन्य सदस्यों की सहमति से बृहद गौशाला का प्रस्ताव पास हुआ । ग्राम पंचायत तारापुर के नवीन परति की भूमि गाटा संख्या 513/0 .152 हेक्टेयर वा गाटा संख्या 517/ 1.265 हेक्टेयर नवीन परति के रूप में राजस्व अभिलेखों में दर्ज है । ग्राम पंचायत सदस्य वेद प्रकाश पुत्र राजाराम ने बताया कि 25 अक्टूबर 2024 को 80 इमरती लकड़ी के पेड़ वा 80 शीशम सागौन के पेड़ ग्राम प्रधान ने बिना जिम्मेदार अधिकारियों से अनुमति लिए कटवा दिए तथा उसकी कीमत कागजों में बेहद कम आंकी गई है। जबकि उक्त पेड़ों की बाजार में कीमत लाखों में है। वेद प्रकाश द्विवेदी ने आरोप लगाया है कि राजनैतिक दबाव के चलते तहसीलदार के आदेशानुसार धारा 2/3 सार्वजनिक नुकसान निवारण अधिनियम 1984 के तहत दर्ज हुए एन सी आर 3/25 में पुलिस द्वारा यथोचित कार्यवाही नहीं की गई है । तथा कटे हुए पेड़ों के बाजार मूल्य को भी कम करके दिखाया जा रहा है। जिससे ग्रामीणों में रोष व्याप्त है।